संदेश

सतगुरु कबीर साहेब

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सतगुरु कबीर साहेब सतगुरु कबीर साहेब का पालन पोषण जुलाहा परिवार में होने के कारण जुलाहा कहलाये।सतगुरु कबीर साहेब समाज में व्याप्त कुरीतियों और पाखंडवाद के घोर विरोधी थे। कबीर साहेब ने सामाजिक एकता का संदेश दिया और उसी मार्ग को वर्तमान में सतगुरु रामपाल जी महाराज जो कि विश्व में एक मात्र पूर्ण संत हैं, जो समाज को सतभक्ति बताकर पूर्ण मोक्ष का मार्ग दिखा रहे हैं, तथा कबीर साहेब के ज्ञान को आगे बढ़ा रहे हैं। सतगुरु कबीर साहेब ने स्वामी रामानंद जी को गुरु बनाया।और सतगुरु कबीर साहेब ने ऐसी लीलाएं की जिनको देखकर यह सिद्ध हो जाता है कि सतगुरु कबीर साहेब ही सृष्टि के रचनहार व पूर्ण परमेश्वर है।  देखें सृष्टि रचना Link this Video

संत कबीर साहिब

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संत कबीर साहिब ।। आओ संत कबीर के बारे में जानें।। संत कबीर साहिब जिन्होंने समाज को वास्तविक सतभक्ति से परिचित कराया वो कोई और नहीं पूर्ण परमेश्वर स्वयं संत रूप में कांशी में लहरतारा तालाब में कमल के मनोहर फूल पर विक्रमी संवत 1455 (सन1398) जेष्ठ मास की पूर्णिमा सुबह सुबह ब्रह्ममुहूर्त में दिव्य बालक के रूप में प्रगट हुए थे। जहाँ से नीरू तथा नीम नामक जुलाहा दम्पत्ती जो कि निसन्तान थे, उस दिव्य बालक को अपने घर लेकर आए और पालन पोषण किया।जिससे नीरू नीम कबीर साहेब के मुँह बोले माता-पिता कहलाये। संत कबीर के जन्म को लेकर समाज में काफी भ्रान्तियाँ हैं।इन भ्रान्तियों के समाधान के लिए आप नीचे दिये गए Video को जरूर देखें इसे देखने के बाद आप के सारे भ्रम खंड हो जायेंगे। Link this Video लीला करते हुए संत कबीर साहिब ने समाज में व्याप्त कुरीतियों, पाखंडवाद और भ्रष्टाचार को मिटाते हुए समाज को पूर्ण मोक्ष मार्ग बताया। और सामाजिक एकता का संदेश दिया, संत कबीर साहेब कहते हैं- जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा। हिन्दु, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई धर्म नहीं कोई न्यारा। पूर्ण

God Kabir Sahib

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God Kabir Sahib Link this video Almighty God according to Geeta  Lord Kabir, Almighty God Allah, Creator of souls & Universe, Mother & Father, Real Accompanion, Teacher, Brother, Lives in "Satlok" an Immortal and complete pious place. In Satlok there is no work, No old age, No Death, No sorrow, Always young,  for more information, Read book "Gyan Ganga" "Jeene Ki Rah" KABIR is Creator of Universe :-  Iyov 36:5 - Orthodox Jewish Bible (OJB)  It couldn't be any more obvious, El is Kabir, and despiseth no; He is kabir in ko'ach lev (quality of comprehension).  Interpretation: God is Kabir, however disdains nobody. He is Kabir, and firm in his motivation.  Quran Sharif :-  Refrain 25:52: - Fala tutiyal' - kafiran' va jahid'hum bihi jihaadan' Kabira (Kabiran') |52|  Interpretation: Prophet Muhammad's God is stating that Oh Prophet! Try not to tune in to the kafir (skeptics, who as op